चल रही चर्चा: वक्फ का दावा निकला झूठ, प्रशासन ने शासकीय भूमि को कराया मुक्त
सिहाड़ा में सामुदायिक भवन में चल रहा मदरसा व दुकानों का अतिक्रमण हटाया गया

चर्चा न्यूज़ –(सुशील विधाणी)
खंडवा। सिहाड़ा गांव में वक्फ संपत्ति बताकर कब्जा की गई शासकीय भूमि पर आज जिला प्रशासन ने बड़ी कार्रवाई की। सामुदायिक भवन में चल रहे मदरसे और उसके आसपास बने अतिक्रमण दुकानों को हटाकर जमीन को कब्जामुक्त कराया गया। इस कार्रवाई को लेकर पूरे जिले में चर्चा तेज है।
कैसे शुरू हुआ विवाद?
कुछ समय पहले ग्राम पंचायत ने दरगाह मस्तान पीर मोजा बाबा के आसपास अतिक्रमण हटाने के लिए आवेदन दिया था। इसके बाद स्थानीय वक्फ कमेटी ने भोपाल वक्फ ट्रिब्यूनल में दावा कर दिया कि दरगाह, इमामबाड़ा और ईदगाह वक्फ की संपत्ति है।
गांव की पूरी भूमि एक ही खसरे में दर्ज होने के कारण गलतफहमी में पूरे गांव की भूमि को वक्फ संपत्ति बताने का भ्रम भी फैला।
विवाद बढ़ा तो दोनों पक्षों को 10 नवंबर को ट्रिब्यूनल में बुलाया गया, लेकिन अभी तक अंतिम निर्णय नहीं आया है। इसी बीच ग्राम पंचायत की शिकायत पर स्थानीय प्रशासन ने आज अतिक्रमण हटाने की कार्रवाई की।
ग्राम पंचायत का पक्ष — “यह शासकीय भूमि है, वक्फ का दावा निराधार”
सिहाड़ा ग्राम पंचायत सरपंच प्रतिनिधि हेमंत सिंह चौहान ने बताया—
जिस जमीन को वक्फ अपनी बता रहा है वह शासकीय भूमि है।
पंचायत ने यहां मार्केट निर्माण का प्रस्ताव पास किया है।
फरवरी में ही नोटिस दिया था, फिर तहसीलदार के नोटिस के बाद भी वक्फ कमेटी ने कोई दस्तावेज प्रस्तुत नहीं किया।
सामुदायिक भवन में चल रहा मदरसा रजिस्टर्ड नहीं है।
अब कब्जा हटाकर यहाँ दुकानों का निर्माण किया जाएगा।
“उन्होंने पूरे गांव को वक्फ संपत्ति बताकर भोपाल में अपील कर दी, जो पूरी तरह गलत है।”
वक्फ कमेटी का पक्ष — “दरगाह वक्फ में दर्ज, हमें नोटिस नहीं दिया”
वक्फ कमेटी के रियाज़ खान ने प्रतिक्रिया दी—
“करीब 40,000 स्क्वेयर फीट जमीन वक्फ की है।”
“5 तारीख को वक्फ न्यायालय से केस खारिज हुआ, हम ट्रिब्यूनल में अपील करने जा रहे थे।”
“प्रशासन ने बिना नोटिस दिए कार्रवाई कर दी।”
“दरगाह व गजट में यह संपत्ति वक्फ में दर्ज है।”
प्रशासन का पक्ष — “शासकीय भूमि कब्जामुक्त कराई गई”

एसडीएम खंडवा बजरंग बहादुर ने कहा—
“ग्राम सिहाड़ा में पंचायत भूमि को कुछ लोगों द्वारा वक्फ बोर्ड की संपत्ति बताकर कब्जा किया गया था। आज क्रमबद्ध तरीके से शासकीय रूप से कब्जामुक्त कराया गया है।”
नगर पुलिस अधीक्षक के अनुसार कार्रवाई को देखते हुए 6 थानों का बल तैनात किया गया और कानून-व्यवस्था पूरी तरह नियंत्रण में रही।
चर्चा का मुख्य मुद्दा
वक्फ कमेटी का दावा झूठा या अधूरा — यह अदालत तय करेगी।
लेकिन स्थानीय स्तर पर इसे शासकीय भूमि बताते हुए प्रशासन ने आज बड़ी कार्रवाई करते हुए अतिक्रमण हटाया।
सामुदायिक भवन में चल रहा अनरजिस्टर्ड मदरसा भी हटाया गया, जिससे फिर प्रश्न उठे हैं कि सरकारी भवनों का उपयोग किन शर्तों पर हो रहा है।













