“जब आत्मा को सत्य का स्पर्श होता है,
तभी भीतर से उठती है – धर्म–प्रेरणा की ज्योति,
और उसी उजाले में जीवन का सबसे बड़ा परिवर्तन जन्म लेता है।
“उत्तेजित नहीं, प्रेरित धर्म…
जहाँ भावना नहीं, आस्था से होता है परिवर्तन।”
चलती चर्चा: सनातन धर्म की प्रेरणा — लौटने लगे कदम
(चर्चा न्यूज़ सुशील विधाणी)
खंडवा जिले में एक बार फिर सनातन धर्म प्रेरणा की नई कहानी सामने आई है।
महादेवगढ़ मंदिर में आज एक और मुस्लिम युवती ने स्वेच्छा से सनातन धर्म स्वीकार कर हिंदू युवक से विवाह रचाया।
गुड्डी गांव की रहने वाली सानिया अली ने खंडवा के निखिल कोचले के साथ हिंदू रीति–रिवाज से विवाह किया। विवाह के बाद वह सती कोचले नाम से पहचानी जाएँगी।
मंदिर में वैदिक मंत्रोच्चार के बीच दोनों का विवाह सम्पन्न हुआ।
सनातन संस्कृति से बचपन से प्रभावित थी सानिया
सानिया और निखिल दोनों एक ही गांव के रहने वाले हैं और लंबे समय से एक-दूसरे को जानते थे।
सानिया बचपन से ही हिंदू त्योहारों, रीति–रिवाज और सनातन संस्कृति से प्रभावित रही।
कुछ समय पहले वह दो महीने के लिए मथुरा में रही, जहाँ उसने रामचरितमानस को पढ़ा और सनातन धर्म की परंपराओं को नज़दीक से समझा।
मथुरा से लौटकर सानिया ने निखिल से विवाह करने का निश्चय किया।
परिवार का विरोध हुआ, लेकिन वह अपने निर्णय पर दृढ़ रही।
सानिया का कहना है कि वह अपनी पूरी इच्छा, समझ और आकर्षण के साथ हिंदू धर्म को स्वीकार कर रही है और निखिल को जीवनसाथी चुन रही है।
वैदिक विधि से संपन्न हुआ विवाह
महादेवगढ़ मंदिर में पंडितों ने वैदिक रीति से दोनों का विवाह कराया।
मंदिर के संरक्षक अशोक पालीवाल ने बताया कि आजकल अनेक मुस्लिम युवक–युवतियाँ सनातन धर्म और उसकी संस्कृति से प्रभावित होकर स्वतंत्र जीवन जीने की इच्छा व्यक्त कर रहे हैं।
पालीवाल ने कहा कि सानिया ने स्वयं संपर्क कर निखिल से विवाह की इच्छा बताई थी।
कानूनी उम्र, आपसी सहमति और हर आवश्यक प्रक्रिया की पुष्टि के बाद ही विवाह संपन्न कराया गया।












